Sunita gupta

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अर्पित प्रेम

अर्पित करे

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अर्पित करें सुमन हिरदे के, करें अर्चना श्रीआदे मां की,
शीश झुकाए किया जो समर्पण , बहे चैतन्य मिले निर्मलानंद।।
   करते ही शुद्ध इच्छा हृदय मे,बहे अविरल प्रेम निश्चल क्षण मे,
   मिले यह सुखद परम अनुभूति , कि मां ही विद्यमान है कण कण मे।।
सदेव मा से करें प्रार्थना मां तेरी कृपा है जब इतनी,
पहले विश्व में धर्म यह निर्मल माध्यम बने सभी हम जिसका।।
   है अद्भुत दिया ज्ञान श्री मा ने योग सहज सिखलाया,
   मिटा  अहम अहंकार वा सारा मां की है अनुकंपा।।
निर्मला मां की कृपा है इतनी करें हम बस मिल अनन्य भक्ति,
हे संतुलन इच्छा और क्रिया पात्र बने अनंत आशीष का।।
   यह जो करी प्रार्थना मां से, बरसे मां तेरी कृपा बरसे,
   जागे कुंडली खुली सभी चक्र निर्विचार होते क्षणभर में।।
से

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8 Comments

Khan

05-Nov-2022 05:59 AM

Behtreen likha hai aapne

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Teena yadav

03-Nov-2022 10:02 PM

OSm

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Haaya meer

03-Nov-2022 09:41 PM

Amazing

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